18 वे अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव 2023 “शिवसंभवम” की अंतिम व दसवीं संध्या आज

उज्जैन । श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति, उज्जैन के आयोजन 18 वे अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव 2023 शिव संभवम के नवम् शनिवार 09 सितम्बर को नियोजित शास्त्रीय गायन, वादन और नृत्य की रसवर्षा से नटराज श्री महाकालेश्वर की आराधना के उपक्रम में सुधिजन, साधक सभी को सादर आमंत्रित है।

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर श्री संदीप कुमार सोनी ने बताया कि, मंदिर प्रबंध समिति द्वारा आयोजित 18 वें अखिल भारतीय श्रावण महोत्संव के दसवें शनिवार को सायं 07 बजे मंदिर के समीप स्थित त्रिवेणी कला एवं पुरातत्व संग्रहालय सभागृह, जयसिंह पुरा में मुंबई के श्री शौनक अभिषेकी के शास्त्रीय गायन, मुंबई के श्री ज्ञानेश्वर सावंत के पखावज वादन एवं उज्जैन के मृदंगाचार्य पं.रामदास कला संगम की निर्देशिका डॉ पूनम व्यास के निर्देशन में समूह कथक नृत्य की प्रस्तुति होगी।

*कलाकारों का परिचय*

*पं.शौनक अभिषेकी* भारतीय शास्त्रीय संगीत में एक चिर-परिचित नाम है | आप संगीत सम्राट पं. जितेन्द्र अभिषेकी के पुत्र और शिष्य हैं | जितेंद्र अभिषेकी के शास्त्रीय संगीत में आगरा और जयपुर शैलियों का सुंदर संयोजन है। पं.शौनक संगीत के अन्य रूपों जैसे ठुमरी, टप्पा, नाट्यसंगीत और अभंगगायन में भी उत्कृष्ट हैं। उन्होंने न केवल भारत के सभी प्रमुख संगीत समारोहों में प्रदर्शन किया है, बल्कि संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, यूएसएसआर, खाड़ी देशों, थाईलैंड, भूटान, दक्षिण अफ्रीका, यूरोप आदि में संगीत कार्यक्रमों की एक श्रृंखला के लिए भी प्रदर्शन किया है।

*श्री ज्ञानेश्वर सावंत* कुदवसिंह घराने के, मृदंग महर्षी पं. रामदासजी शर्मा मुंबई के एकमात्र “गंडाबंध” शिष्य है। आप आकाशवाणी के A ग्रेड कलाकार हैं | बी.आर चोपडा निर्देशित महाभारत, विष्णु पुराण, माँ शक्ति, जय गणेश, देवो के देव महादेव जैसे कई पौराणिक धारावाहिकों में आपके मृदंग थाप गुंजी है। एक ही पखावज के कुछ अनन्य महत्वपूर्ण विभिन्न पहलुओं में मराठी भजन, किर्तन, भारतीय शास्त्रीय संगीत में एकल पखावज वादन (सोलो), धृपद धमार, हवेली संगीत, कथक, इंस्ट्रूमेंट के साथ आपकी पखावज साथ-संगत होती है। आपने भारतरत्न पं.भीमसेन जोशी, भारतरत्न लता मंगेशकर गान सरस्वती विदुषी किशोरीलाई अमोनकर के साथ संगत करने का अवसर प्राप्त हुआ | आपको सांस्कृतिक मंत्रालय से विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया है। जैसे ‘तालमीणी, मृदंगार्जून, कोकणरत्न, आदी” है | चेन्नई में दलाई लामा “विश्व संगीत सम्मेलन” में उत्कृष्ट पखावज वादक, विशेष रूप से भारत के उपराष्ट्रपती माननीय श्री आर. व्यंकटरामण द्वारा सम्मानित किया गया है |

*मृदंगाचार्य पं.रामदास कला संगम* की स्थापना 50 वर्ष पूर्व मृदंग महर्षि पं.रामदास जी की स्मृति में की गई थी । जिसका संचालन डॉ.पूनम व्यास कर रही हैं । संस्था द्वारा कथक के संरक्षण, शिक्षण-प्रशिक्षण एवं संवर्धन के लिए उच्च स्तरीय कार्य करने हेतु राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित भी किया गया है। जिनमें राष्ट्रीय विक्रम संगीत अलंकरण, भारतीय संगीत महाविद्यालय द्वारा सम्मान, मधुबन संस्था भोपाल द्वारा कला गुरु सम्मान के साथ ही कईं प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हुए हैं | संस्था द्वारा शिष्याओं के भविष्य निर्माण और कला धर्मिता के माध्यम से निरंतर कला वैभव में अमूल्य योगदान दिया है |