उज्जैन, बीते बुधवार शरद पूर्णिमा के पावन पर्व पर डॉ प्रकाश जोशी एवं इंद्रा नगर मित्र मंडली द्वारा इंदिरा नगर में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 27 वां निःशुल्क दमा रोग चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। शरद पूर्णिमा की रात अमृत वर्षा का लाभ प्राप्त करने हेतु एवं ऋतु अनुसार आयुर्वेद के त्रिदोष सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए
शिविर संयोजक डॉ प्रकाश जोशी पिछले 27 वर्षों से दमा रोगियों के लिए इस निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन करते आ रहे हैं।
16 अक्टूबर की शाम इंद्र नगर उज्जैन स्थित एलआईजी 2- 172 में डॉक्टर जोशी और उनके मित्र मंडली एवं धन्वंतरी आयुर्वेद महाविद्यालय के छात्र छात्राओं के सहयोग से शिविर की तमाम व्यवस्थाओं के साथ गुजरात,बिहार,राजस्थान, महाराष्ट्र समेत मध्यप्रदेश के अन्य जिलों से भी आए हुए रोगियों ने इस शिविर में चिकित्सा लाभ प्राप्त किया।
डॉ जोशी ने बताया कि शिविर में कुल 450 से अधिक रोगियों ने चिकित्सा लाभ प्राप्त किया।
शरद पूर्णिमा की रात औषध युक्त खीर का निर्माण षोडश कला युक्त चंद्रमा की रोशनी के अंतर्गत किया गया। आयुर्वेद के त्रिदोष सिद्धांत के अनुसार दमा या श्वास रोगों में वात,पित्त और कफ को शरीर में संतुलित करने का शरद पूर्णिमा से श्रेष्ठ समय कुछ और नहीं हो सकता है। शरद ऋतु में स्वभावतः पित्त दोष का प्रकोप होता है। एवं इस शिविर की विशेषता के अनुसार रोगियों को रात्रि जागरण करवाया जाता है जिससे शरीर का वात एवं कफ दोष प्रभावित होता है।
इन तीनों दोषों के शमन के लिए चंद्रमा की किरणों से शीतल औषध युक्त खीर का निर्माण कर रोगियों को सेवन करवाया जाता है।
इस दौरान शिविर में आए हुए रोगियों को रात्रि जागरण करवाने एवं चिकित्सा में सिद्धि की कामना के साथ बाल भक्त हनुमान मंडल द्वारा रमणीय सुंदरकांड का गायन किया गया। रात भर आयुर्वेद महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने भजन संध्या का आयोजन कर जागरण का माहौल बनाकर रखा।
सायं में 7 बजे से ही महाविद्यालय के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ प्रकाश जोशी, डॉ निरंजन सराफ, एवं एमडी अध्येताओं के द्वारा 400 – 450 रोगियों को निःशुल्क चिकित्सकीय परामर्श प्रदान किया गया।
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजे औषध युक्त खीर का वितरण लगभग 450 रोगियों को किया गया।
सुबह सूर्योदय के बाद लगभग 50 रोगियों ने कर्णवेधन चिकित्सा का लाभ भी इस शिविर में प्राप्त किया।
शिविर के आयोजन में उज्जैन नगर प्रशासन एवं शासकीय धन्वंतरी आयुर्वेद महाविद्यालय का पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ।