नेशनल लोक अदालत, पारिवारिक विवाद से बिछड़े पति-पत्नी का हुआ मिलन चेहरों पर छायी खुशी

उज्जैनः- “लोक अदालत विवाद के पक्षकारों को समझौते के आधार पर सहज एवं सुलभ न्याय दिलाने का सरल एवं निःशुल्क माध्यम है। लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण से पक्षकारों समय एवं धन की बचत होती है तथा आपसी भाईचारा एवं सद्भाव भी बना रहता है।” उक्त बात 14 दिसम्बर (शनिवार) को आयोजित नेशनल लोक अदालत के शुभारंभ के दौरान प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री राजेश कुमार गुप्ता ने कही। जिला न्यायालय भवन के मुख्य प्रवेश द्वार पर विशेष न्यायाधीश एवं संयोजक नेशनल लोक अदालत श्री सुनील कुमार, जिला न्यायाधीश एवं सचिव श्री कपिल भारद्वाज, प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय श्रीमती किरण सिंह. श्री संजीव कुमार गुप्ता. मण्डल अभिभाषक संघ अध्यक्ष श्री अशोक यादव, उपाध्यक्ष श्री मुकेश उपाध्याय, कोषाध्यक्ष श्री महेन्द्र सोलंकी जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री चन्द्रेश मण्डलोई एवं अन्य न्यायाधीशगण, बैंक अधिकारीगण, कर्मचारीगण, खण्डपीठ सदस्यगण, पेनल लॉयर्स एवं अतिथिगण के द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ कर समस्त पीठासीन अधिकारियों को नेशनल लोक अदालत में रखे गए प्रकरणों का अधिक से अधिक संख्या में निराकरण करने संबंधी निर्देश एवं शुभकामनाएं दी गयी।

नेशनल लोक अदालत में सैकड़ों की संख्या में पक्षकार गण, आम नागरिक लाभांवित हुये। विशेषकर पारिवारिक प्रकृति के विवादों के साथ-साथ क्लेम विद्युत चोरी, चेक बाउंस, आपराधिक एवं दीवानी प्रकरणों का काफी संख्या में निराकरण हुआ। पारिवारिक प्रकरणों में अनेक बिछड़े हुये परिवारों को मिलाया गया एवं मोटर दुर्घटना क्लेम प्रकरणों में पीड़ित व्यक्तियों को लाखों रुपए की क्षतिपूर्ति राशि के अवॉर्ड भी पारित हुये।

परिवार न्यायालय, उज्जैन में एक दंपत्ति के मध्य आपसी मनमुटाव के कारण काफी समय से विवाद चल रहा था. किंतु संतान के भविष्य को लेकर न्यायालय द्वारा समझाइश दी गयी तथा दोनों दंपत्ति को उपस्थित अधिकारीगण द्वारा पुष्पमाला पहनायी गयी एवं दोनों को उनके सुनहरे भविष्य की कामना करते हुए खुशी-खुशी विदा किया गया।

इस लोक अदालत में विद्युत अधिनियम संबंधी विशेष न्यायाधीश (विद्युत अधिनियम) की शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की खण्डपीठ में विद्युत प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिनमें काफी प्रकरण 05 साल की लंबी अवधि से न्यायालय में लंबित थे।

लोक अदालत की विशेष झलकियों

1. वनविभाग के सहयोग से प्रकरणों में समझौता करने वाले पक्षकारों को न्याय वृक्ष प्रदान किया गया।

लोक अदालत के संयोजक एवं विशेष न्यायाधीश श्री सुनील कुमार एवं परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश श्रीमती किरण सिंह, जिला न्यायाधीशगण श्री संजय श्रीवास्तव, श्रीमती कीर्ति कश्यप, श्री विवेक कुमार चंदेल, श्रीमती मंजुल पाण्डेय, श्री संतोष सैनी, श्री पवन पटेल, श्री हेमंत सविता, श्री विकास चौहान, श्री राजेश जैन, श्री वीरेन्द्र वर्मा, न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री नीरज प्रजापति, श्री चैतन्य चौबे, श्रीमती प्रीति चौबे, श्रीमती सोनाक्षी शर्मा, श्री अनुराग शर्मा, श्री सीताराम दास, श्री प्रतीक सिंह तोमर श्री अर्पित जैन, सुश्री अपूर्वा मिश्र, सुश्री सृष्टि पटेल, श्रीमती प्रियंका सोलंकी, सुश्री अंकिता पलास, सुश्री शुभांगी जैन, सुश्री ज्योति फुस्केले, जिला अभियोजन अधिकारी श्री राजेन्द्र खाण्डेगर, डिफेंस काउंसल श्री संतोष मालवीय, श्री प्रकाश चंद्र चित्तौड़ा. श्री श्याम माहेश्वरी, श्री आनंदीलाल जोशी, पैरालीगल वॉलंटियर श्रीमती अंजना शुक्ला, श्रीमती प्रीति गोयल, श्री अजेन्द्र त्रिवेदी, श्री प्रवीण रावत सहित अन्य अधिवक्तागण तथा प्राधिकरण के सचिव श्री कपिल भारद्वाज, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री चन्द्रेश मण्डलोई, अभियोजन अधिकारीगण, बैंक अधिकारीगण, न्यायालयीन कर्मचारीगण, पैरालीगल वॉलंटियर्स एवं पक्षकार गण उपस्थित रहे।

उक्त लोक अदालत में प्रीलिटिगेशन के 7902 रखे गए प्रकरणों में से 2029 प्रकरण तथा न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में से रेफर किये गये 2193 प्रकरणों में से चेक बाउंस के 201 प्रकरण, वैवाहिक विवाद के 28 प्रकरण श्रम न्यायालय के 09 प्रकरण एवं उपभोक्ता फोरम आयोग के 16 प्रकरण आदि के 1298 प्रकरणों का निराकरण होकर रु.9,94,66,335/- की राशि के अवॉर्ड पारित हुये, जिसमें मोटर दुर्घटना के 51 क्लेम प्रकरणों में पीड़ित व्यक्तियों को रु.2,74,16,000/- के अवॉर्ड पारित हुयें हैं। इस प्रकार शनिवार को आयोजित हुई नेशनल लोक अदालत में प्रीलिटिगेशन एवं लंबित न्यायालयीन कुल 3927 प्रकरणों का समाधान, पूर्वक निराकरण होकर 134725411/- राशि के सेटलमेंट हुआ है तथा कुल 5972 पक्षकार लाभान्वित हुये हैं।