विक्रमोत्‍सव 2025 : राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन एवं विज्ञान उत्सव का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ

उज्जैन, उज्जैन विज्ञान प्रेमियों का नगर हमेशा से ही रहा है यह नगर कालगणना के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है। विज्ञान प्रौद्योगिकी और उसमें नवाचार के माध्यम से ही हम विकास की बात कर सकते हैं और यही आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। मध्यप्रदेश जल्द ही अपनी नई स्पेस पॉलिसी बनाएगा। मध्यप्रदेश विज्ञान अनुसंधान केंद्र की स्थापना के क्षेत्र में भी कदम बढ़ाएगा। हमेशा विकट परिस्थितियों एवं चुनौतियों के बीच देश के वैज्ञानिकों ने ही देश को सुरक्षित किया है और भारत की शाह को विश्व स्तरीय बनाया है। आज विज्ञान के क्षेत्र में भारत ग्लोबल लीडर बन रहा है। यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विक्रमोत्‍सव 2025 अंतर्गत राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन एवं विज्ञान उत्सव के शुभारंभ अवसर पर कही। वर्चुअल शामिल हुए मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति विज्ञान आधारित है। विज्ञान आधारित आज कृषि, रक्षा सहित अनेक क्षेत्रों को विज्ञान ने बहुत ही सशक्त और जनसुलभ बनाया है। इससे हमारी आर्थिक प्रगति भी हुई है। इससे पूर्व कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वैज्ञानिक रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के डॉ. सुधीर कुमार मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में अनुसंधान और विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य हो रहे हैं। वर्तमान में देश में युवा वैज्ञानिकों के लिए बहुत अवसर है उन्हें एक क्षेत्र में आगे आना चाहिए। युवाओं को आगे बढ़ाने मध्यप्रदेश व भारत सरकार की कई योजनाएँ है जिसका लाभ उन्हें मिल रहा है।
सुदूर संचार उपग्रह केंद्र हैदराबाद के डॉ. प्रकाश चौहान संबोधित करते हुए कहा कि देश में स्पेस पॉलिसी के माध्यम से युवाओं को बेहतर रोजगार के अवसर मिलेंगे तथा नए स्टार्टअप सामने आयेंगे। हमारा प्रयास युवा वैज्ञानिकों और उनकी सोच को उचित स्थान देना है। विश्व की आर्थिक प्रगति में विज्ञान ने हमेशा ही महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जब तक हम विज्ञान और टेक्नोलॉजी पर जोर नहीं देंगे तब तक आर्थिक व सामाजिक रूप से हम सक्षम नहीं हो सकते। इससे पूर्व मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी तथा विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलगुरु अर्पण भार्गव ने मुख्य अतिथि महाराजा विक्रमादित्‍य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी के साथ ही डॉ. सुधीर कुमार मिश्रा, विवेकानंद पाई-राष्ट्रीय महासचिव विज्ञान भारती, डॉ. प्रकाश चौहान, डॉ. आरसी रानाडे, डॉ. राकेश सिंघाई का स्वागत किया। यह सम्‍मेलन मध्‍यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की सहभागिता में महाराजा विक्रमादित्‍य शोधपीठ द्वारा आयोजित किया गया है।