उज्जैन,कलेक्टर श्री रौशन कुमार सिंह ने उज्जैन जिले में मूर्ति निर्माण एवं विसर्जन से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 16.3 के तहत जन सामान्य के स्वास्थ्य के हित एवं लोक शांति बनाये रखने के लिए उज्जैन जिले की राजस्व सीमा के लिये प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं।
आदेश के तहत मूर्तियों व प्रतिमाओं के निर्माण में केवल उन्हीं प्राकृतिक सामग्रियों का ही इस्तेमाल किया जायें जैसा कि पवित्र ग्रन्थों में उल्लेखित है। मूर्तियों के निर्माण में परंपरागत मिट्टी का ही उपयोग किया जायें, पकी हुई मिट्टी, पी०ओ०पी० (प्लास्टर ऑफ पेरिस) या किसी प्रकार के केमिकल व रासायनिक वस्तुओं का उपयोग मूर्ति निर्माण में किया जाना प्रतिबंधित रहेगा। मूर्तियों व प्रतिमाओं पर कलर हेतु केवल प्राकृतिक रंगों व गैर विषाक्त रंगों का इस्तेमाल किया जावेगा। किसी भी प्रकार के रासायनिक व विषाक्त रंगों का इस्तेमाल पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगा।
जिले में केवल परंपरागत मिट्टी से निर्मित प्रतिमाओं का ही उत्पादन व विक्रय किया जा सकेगा। परंपरागत मिट्टी छोड़कर अन्य पदार्थ जैसे पीओपी व अन्य रासायनिक पदार्थों से बनाई जानी वाली प्रतिमाओं के उत्पादन तथा विक्रय, बाहर ले जाने या बाहर से लाने को प्रतिबंधित किया गया है।
परंपरागत मिट्टी छोड़कर अन्य पदार्थ जैसे पीओपी व अन्य रासायनिक पदार्थों से मूर्ति प्रतिमाओं के निर्माण को प्रतिबंधित किया गया है। स्थानीय निकाय द्वारा इस संबंध में सत्यापन किया जावेगा, यदि कहीं इस आदेश के जारी होने के दिनांक के बाद परंपरागत मिट्टी छोड़कर अन्य पदार्थ जैसे पीओपी व अन्य रासायनिक पदार्थों से प्रतिमाओं के निर्माण का मामला प्रकाश में आता है तो तत्काल स्थानीय निकाय द्वारा इन निर्मित प्रतिमाओं को अपने कब्जे में लेकर उनका निपटान नगरीय ठोस अपशिष्ठ नियम-2000 के प्रावधानों के अनुरूप करेगा।
पूजन सामग्री जैसे फल-फूल, नारियल, वस्त्र-आभूषण, सजावट के सामान जिनमें कागज व प्लास्टिक से निर्मित वस्तुएं शामिल हैं, को मूर्ति प्रतिमाओं विसर्जन के पूर्व निकाल कर उन्हें अलग-अलग एकत्रित किया जावेगा तथा उक्त एकत्रित सामग्री का निपटान नगरीय ठोस अपशिष्ठ नियम-2000 के प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य में स्थानीय निकायों द्वारा किया जावेगा।
मूर्ति प्रतिमाओं विसर्जन के 24 घण्टे के भीतर विसर्जित मूर्ति प्रतिमाओं से उत्पन्न ठोस अपशिष्ठो जैसे- बांस, रस्सी, मिट्टी, पीओपी, प्रतिमा के हिस्से आदि को एकत्रित कर उनका निपटान नगरीय ठोस अपशिष्ठ नियम-2000 के प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य में स्थानीय निकायों द्वारा किया जावेगा।
उक्त आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 16342) के अन्तर्गत एक पक्षीय पारित किया गया है। आदेश से व्यथित व्यक्ति भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 (5) के अंतर्गत अधोहस्ताक्षरकर्ता क न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर सकेगा। अत्यंत विशेष परिस्थितियों में अधोहस्ताक्षरकर्ता संतुष्ट होने पर आवेदक की किसी भी लागू शतों से छूट दे सकेगा। यदि कोई व्यक्ति उपर्युक्त आदेश का उल्लघंन करेगा तो उसके विरुद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर अभियोजन किया जाएगा।